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Loan Payment Nahi Karne Se Kya Hoga | लोन नहीं चुकाने पर क्या होता है
हममें से कितने लोग रोज सपने देखते है की हमारे पास अपनी गाड़ी हो अपना घर हो या फिर खुद का कोई छोटा सा बिजनेस हो ओर ऐसे सपनों को पूरा करने के लिए आपकी मेहनत ओर लगन के साथ साथ जिस चीज कि सबसे ज्यादा जरूर पड़ती है | वो होता है पैसा पैसो कि कमी के कारण कही लोग द्वारा गाड़ी मकान के सपने पुरे नही होते है ऐसे मे आर्थिक मदद कि वजह से लोगो के सपने दम न तोड़े इस लिए सरकार ने बैंकिंग क्षेत्र बनाए है | पैसो को ग्राहको से जमा कर जरूरत मंद ग्राहको को थोड़ा भारी ब्याज पर देकर बेंक फायदा करती है | Bank Loan Payment Nahi Karne Se Kya Hoga
वही दूसरी तरफ जरूरत मंदो का कम भी आसानी से हो जाता है | आज कल आगे बढ़ने के लिए हर एक इंसान लोन पे निर्भर हो चुका है | बिना लोन के किसी आम आदमी का आगे बढ़ना बोहोत ही मुश्किल है |
Bank Loan Payment Nahi Karne Se Kya Hoga
आपका खाता npa यानि non performing assets (गैर निष्पादित संपति )मे चला जाता है | तो ऐसे मे आपको ये जानना जरूरी है | कि लोन नहीं चुकाने पर बैंक क्या क्या कार्यवाही कर सकता है | हम बात करेगे कि अगर आपने किसी बैंक से लोन लिया है ओर आप उसकी EMI पे नहीं कर पाते या लोन को डिफ़ाल्ट कर देते है | तो बैंक आपके ऊपर क्या क्या कारवाही ले सकता है | ओर ऐसे मे आपको क्या करना चाहिए
लोन दो तरह के होते है सुरक्षित लोन ओर असुरक्षित लोन
सुरक्षित लोन कैटेगरी मे
होम लोन , कार लोन , गोल्ड लोन ,मोर्गेज लोन जेसे लोन आते है | जिसमे आप अपनी संपति को गिरवी रख कर उसके ऊपर लोन लेते है |
असुरक्षित लोन कि श्रेणी मे
पर्सनल लोन क्रेडिट कार्ड ओर ऐजूकेशन लोन जेसे लोन आते है |
सुरक्षित लोन के विषय मे बात करेगे ऐसे लोन को न चुकाने पर बैंक क्या कार्य करता है |
सबसे पेहले बात करते है | कि लोन कि EMI चुका ने मे देरी होने पर बैंक क्या करती है | भारतीय रिजर्व बैंक या नि RBI के मुताबित अगर लगातार 90 दिनो तक लोन खाते मे किसी राशि या EMI का भुगतान नहीं किया जाता है | तो इसे गैर निष्पादित संपति यानि (NPA ) मान लिया जाता है | ऐसी परिस्थिति मे बैंक खाता धारक को एक कानूनी नोटिस भेजता है इस नोटिस मे लिखा जाता है | कि खाता धारक बैंक कि कुल राशि का भुगतान एक बार मे ही करदे | ओर अगर आपने भुगतान नहीं किया तो बैंक आपके खिलाफ लीगल कार्यवाही लेगा
लेकिन क्या होता है जब आप लोन का पेमेंट नहीं कर पाते है | आप असमर्थ हो जाते है | लोन को डिफ़ाल्ट कर देते है |
इसके बावजूद भी अगर खाता धारक लोन खाता मे कोई राशि जमा नहीं करवाता है तो इस नोटिस को भेज ने के 60 दिन बाद बैंक आपको दूसरा लीगल नोटिस भेजेगा | जिसके अंदर बताया जाता है! कि आपकी संपति कि कुल कीमत कितनी है! ओर उसको नीलामी के लिए कितनी कीमत पर रखा गया है! इसके साथ साथ उस नोटिस मे नीलामी कि तारीख भी लिखी होती है! जो आम तोर पर नोटिस मिलने के 30 दिन बाद कि होती है! आम तोर पर हाउसिंग लोन के मामलो मे बैंक जल्दी एकसन नहीं लेते है! वो खाता धारक पर दबाव बनाते रहते है |
लेकिन इन सबके बावजूद भी खाता धारक कोय रिऐक्सन नहीं देता है! तो बैंक लीगल कार्यवाही कर सकता है! कर्ज देने वाली एजेंसीओ के विरुद्धा मे परलामेंट मे साल 2002 मे एक कानून पास किया गया था! इस कानून के अंतर गत अगर कोई लोन लेकर उसको नहीं चुकता है! तो बैंक मोर्गेज रखी हुई सम्पति को जप्त कर सकता है! ओर उसको नीलाम भी कर सकता है!
हाला कि इस करवाही को करने से पहले बैंक जो दूसरे विकल्प होते है |
उस पर भी गोर करते है! बैंको का मेन काम अटके हुए लोन कि रकम को वापस पाना होता है |
लेकिन कुछ केस मे बैंक अंतिम विकल्प के रुपमे संपति को नीलाम कर सकता है! इस के अलावा बैंक CIBIL मे भी आपके डिफोल्टर होने कि जानकारी देता है! जिसे आपको भविष्य मे दूसरा लोन मिलना काफी मुश्किल हो जाता! और आप भविष्य में किसी भी बैंक में लोंन आसानी से नही ले सकते है