
Gadi Kharidne Or Bechne Ke Baad Kya Kare | गाड़ी बेचने और ख़रीदने के बाद हमेशा ट्रांसफर करें
जब आप किसी व्यक्ति या फर्म को कोई वाहन बेचते या खरीदते है Gadi Kharidne Or Bechne Ke Baad Kya Kare जैसे बाइक, कार या अन्य किसी प्रकार का वाहन बेच रहे है तो हमेशा गाड़ी ख़रीदने वाले ग्राहक के नाम ट्रान्सफर करवाएं यदि आपने गलती से गाड़ी को ट्रान्सफर नही किया है तो आपके लिए बहुत मुश्किल हो सकती है इसलिए हमेशा इस बात का ध्यान रखे !
कई बार ऐसा देखा गया है की लोग वाहन बेच देते या खरीद लेते Buying And Selling Car है! और उन्हें ट्रान्सफर नही करवाते है! और वह आपराधिक गतिविधियों मे पकडे जाते है और साथ ही जब गाड़ी द्वारा किसी तृतीय पक्ष को नुकसान पंहुचा दिया जाता है तो उसकी कार्यवाही आप पर हो जाती है और आपको लाखो का मुआवजा भी देना पड़ सकता है इसलिए हमेशा इस बात का ध्यान रखे गाड़ी बेचने के बाद ट्रान्सफर जरुर करवाएं!
Buying And Selling Car वाहन बेचने या ख़रीदने के बाद क्या होता है ?
सामान्यतया यह देखा गया है की लोग अपनी गाड़ी तो बेच देते है! लेकिन जो व्यक्ति गाड़ी खरीदता है पैसे बचाने के चक्कर मे वह व्यक्ति गाड़ी को बेचने वाले मालिक के नाम पर ही गाड़ी आराम से चलाता रहता है और बेचने वाला व्यक्ति भी पता नही करता है की गाड़ी ट्रान्सफर हुई या नही इसलिए हमेशा खरीदने वाली पार्टी को पहले ही सचेत कर दे की वह गाड़ी टाइम से ही ट्रान्सफर कर देवें!
कई लोग ऐसे भी है जो गाड़ी, कार या बाइक फाइनेंस से मासिक किस्तों पर लेते है! तो कई बार ऐसा हुआ की क़िस्त के पैसे नही चुकने के कारण गाड़ी बेचने का निर्णय लेते है! गाड़ी फाइनेंस होने पर बेचने वाले व्यक्ति को एक साथ पैसा नही मिलता है और साथ ही वह गाड़ी ट्रान्सफर भी नही हो सकती है जब तक उस गाड़ी मे फाइनेंस है इसलिए हमेशा गाड़ी बेचने पर खरीदने वाले व्यक्ति से सेलडीड पर हस्ताक्षर जरुर करवाए इससे खरीदने वाले को मालिकाना हक मिल जाता है!
वाहन की आरसी ट्रान्सफर करवाएं
जिस प्रकार जमीन और मकान बेचने पर अपने नाम करवाने के लिए तहसील ऑफिस या रजिस्टर कार्यालय जाना पड़ता है! उसी प्रकार वाहन को बेचने पर उसका पंजीकरण ट्रान्सफर करवाने के लिए आरटीओ Regional Transport Office मे जाना पड़ता है! यदि आप ट्रान्सफर करवाना भूल जाते है या किसी प्रकार की लापरवाही करते है तो आपको बहुत बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है!
कानून के हिसाब से
- वाहन को बेचने के बाद यदि वाहन ट्रान्सफर नही होता है! और अचानक सड़क हादसे मे किसी तृतीय पक्ष को नुकसान पहुँच जाता है! तो पंजीकृत मालिक को पकड़ा जाएगा और पीड़ित को मुआवजा देना पड़ सकता है
- गाड़ी को बेचने के दौरान जिस व्यक्ति द्वारा गाड़ी खरीदी जाती है! उसके नाम नही ट्रान्सफर करवाने पर गाड़ी किसी आपराधिक गतिविधियों मे पकड़ी जाती है! तो कार्यवाही पुराने मालिक के नाम पर होंगी
- जब भी आप गाड़ी बेचते है! तो फॉर्म संख्या 29 व 30 परिवहन विभाग मे भरकर जमा करवा देंवे जिससे आप पर किसी प्रकार की परेशानी नही हो
- गाड़ी बेचने के एक माह मे चेक कर लेवे की गाड़ी ट्रान्सफर हुई या नही हुई
- एक माह तक गाड़ी ट्रान्सफर नही होने पर खरीदने वाले व्यक्ति को ट्रान्सफर के लिए कहें
- गाड़ी बेचने के बाद जब गाड़ी की आर सी ट्रान्सफर होकर नए मालिक के पास आ जाये या कोई अन्य कागज जो नए मालिक के नाम हो! जैसे 24 नम्बर फॉर्म तो गाड़ी का बीमा भी ट्रान्सफर करवा देंवे
- गाड़ी ट्रान्सफर के लिए आवश्यक दस्तावेज फॉर्म 29 एवं 30, फाइनेंस हो गाड़ी तो NOC, आरसी, इंश्योरेंस, पियुसी, आधार कार्ड, पेन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि!
- एक ही राज्य मे गाड़ी ट्रान्सफर करने पर गाड़ी का नंबर नही बदलता है! केवल गाड़ी मालिक की जानकारी अपडेट की जाती है!
- एक राज्य से दुसरे राज्य मे गाड़ी ट्रान्सफर होने पर गाड़ी के नंबर भी बदलते है !
- गाड़ी की क्लास चेंज होने पर गाड़ी का बीमा भी कैंसिल होकर गाड़ी के अनुरूप दोबारा बीमा बनता है!