LTB Policy – SAOD Policy – LTCP Policy | बंडल बीमा,ओडी बीमा एवं लॉन्ग टर्म बीमा क्या है

Gadi Chori Ho Jaye To Kya Kare | गाड़ी चोरी होने पर क्या करे इन स्टेप्स को करें फॉलो
गाड़ी खरीदना सभी लोगो का एक सपना होता है और कई लोगो का यह एक लक्ष्य भी होता है | एक व्यक्ति अपने सपने एवं लक्ष्य के लिए जी जान से मेहनत करते है, एक गाड़ी खरीदने के लिए अनेक प्रकार की प्रकिया से गुजरना पड़ता है | जैसे की टेस्ट ड्राइव, पैसो की व्यवस्था, लोन की प्रकिया, बीमा आदि खरीदना एक समय का रोमांचक अनुभव होता है | सबसे महत्वपूर्ण बीमा होता है जो की आपकी गाड़ी की हुई आर्थिक हानि को कवर करता है| Gadi Chori Ho Jaye To Kya Kare भारत मे वाहन चोरी Car Theft की सबसे बड़ी और गंभीर समस्या है
इसके लिए बीमा policy का होना अति आवश्यक है | बीमा आपकी चोरी होने पर आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है, इसलिए हमेशा गाड़ी मे व्यापक बीमा चाहिए | जिससे आपको सड़क दुर्घटना, प्राकृतिक आपदाओं या मानव निर्मित आपदाओं जैसे कि आग, बाढ़, भूकंप, बिजली, चोरी Car Theft , दुर्भावनापूर्ण कार्य, दंगा, हाउसब्रेकिंग आदि किसी प्रकार की वजह से वाहन एवं स्वयं को किसी प्रकार की हानि पहुँचे तो उसका हर्जाना बीमा कंपनी द्वारा वहन किया जाता है |
सर्वप्रथम FIR दर्ज करवाये
जब ऐसी स्थिति आपके साथ हो जाये तो सबसे पहले अपने नजदीक पुलिस थाने तुरंत FIR दर्ज करवाए | जब आपकी गाड़ी की एफआईआर दर्ज हो जाये, उसके बाद अपनी बीमा कार कंपनी को कार चोरी Car Theft होने के सम्बंध मे सूचना करे | उसके बाद आपके नजदीक के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) को भी सूचित करना होगा।
दावे का फॉर्म भरें
पुलिस एवं आरटीओ को सूचित करने के बाद बीमा के ग्राहक सेवा केंद्र पर कॉल करके उसको सूचित करे | बाद मे उस क्षेत्र के बीमा कार्यालय मे जाकर बीमा दावे का फॉर्म लेकर उसमे मांगी गयी सभी जानकारी को सही रूप से भरे, साथ सभी कागजातों की प्रतिलिपि को जोड़े |
Car Theft दस्तावेज और क्लेम
गाड़ी चोरी होने के पश्चात निचे दिए निम्न कागजातों को एक जगह करके उनकी प्रतिलिपि को साइन करके क्लेम फॉर्म के साथ मे जोड़े !
- रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र (आरसी)
- इंश्योरेंस (बीमा)
- ड्राइविंग लाइसेंस
- आधार कार्ड
- पेन कार्ड
- ऍफ़आईआर की कॉपी
- क्लेम फॉर्म
Car Theft कार चोरी होने पर कितनी रकम मिलेगी?
नई गाड़ी ख़रीदते समय हमेशा फुल इंसोरेंस लेना चाहिए | जिससे कभी किसी प्रकार की दुर्घटना या चोरी के समय आपको आर्थिक हानि का सामना नही करना पड़े | बीमा कंपनी हर साल आपकी गाड़ी की आईडीवी (IDV) तय करती है | जब गाड़ी पूर्ण रूप से दुर्घटना मे खत्म होती है या चोरी होती है, तब बीमा कंपनी उस आईडीवी (IDV) के आधार पर आपको अदा करती है |
सामान्य रूप मे बीमा कंपनी बीमा की आईडीवी (IDV) के आधार एवं आपकी गाड़ी कितनी पुरानी है, साथ मे अपने बीमा की समय सीमा | इन सभी को ध्यान मे रखते हुए डेप्रिसिएशन घटाती है |
अगर आप नई गाड़ी ख़रीदते समय बीमा पॉलिसी मे ‘रिटर्न टू इनवॉयस एड ऑन’ कवर लेते है! तो आपको आपकी गाड़ी की बिल राशी बीमा कंपनी द्वारा दी जाती है! इसलिए हमेशा नई गाड़ी लेते समय बीमा मे ‘रिटर्न टू इनवॉयस एड ऑन’ कवर लेवे! रिटर्न टु इनवाइस इस कवर को खरीदना चाहिये! क्यों की जब आपकी गाड़ी चोरी होती है! दुर्घटना मे सम्पूर्ण नष्ट होती है! या आग लगने के कारण सम्पूर्ण नष्ट होती है! तो गाड़ी का पूरा बिल जो आपके गाड़ी खरीद के समय दिया गया था! एवं कार का रजिस्ट्रेशन शुल्क, वह सम्पूर्ण राशी आपको मिलेगी |
इस कवर मे IDV से कोई सम्बन्ध नही होता है! इस कवर में आपके द्वारा गाड़ी की खरीद का समय/गाड़ी की उम्र को नही देखा जाता है! यह कवर आपको मुख्यतः तीन साल तक मिलता है! कुछ कम्पनी इसको तीन से ज्यादा भी रिन्यूअल करती है |