Konsi Gadi Leni Chahiye – कौनसी गाड़ी लेनी चाहिए – नई या पुरानी

Impala Car Ki Kahani | मशहूर ‘इंपाला’ कार की कहानी
ऑटो इंडस्ट्री में एक से बढ़कर एक कार मार्केट में आती रही हैं और उनका अपना क्रेज भी रहा है। पर कुछ कारें ऐसी भी रही हैं जो अपना असर लंबे समय तक छोड़ने में सफल रही हैं। 1960 के दशक में ऐसी ही एक कार थी ‘इंपाला’! Impala Car Ki Kahani इस कार का टशन ऐसा था कि जो इसमें एक बार बैठता था, उसे लगता था कि वह रोड पर राज कर रहा है। आइए देखते हैं इसके पीछे की कहानी-
1958 के आसपास तमाम बड़ी कार कंपनियों में खासा मुकाबला चल रहा था और इसमें फोर्ड ने सभी को पीछे छोड़ा हुआ था। उधर शेवरले मोटर किसी भी हालत में फोर्ड से आगे निकलना चाहती थी और इसीलिए शेवरले के इंजीनियर्स ने एकदम अलग कार बनाने का फैसला किया।
कुछ ही समय में शेवरले ने एक सुन्दर कार बना ली और वो थी ‘इंपाला’ कार, जो पेट्रोल इंजन के साथ 136 हॉर्स पावर का दम रखती थी। इसकी डिजाइन और इसके क्लासिक लुक ने हर एक को चौंका दिया। आप साठ के दशक की कल्पना कीजिए जब यह कार 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार मात्र 14 सेकेंड में पकड़ लेती थी।
Impala Car Ki Kahani | मशहूर ‘इंपाला’ कार की कहानी
इसका नाम इंपाला क्यों रखा गया इसके पीछे भी दिलचस्प कहानी है! यह इतनी बेहतरीन गाड़ी बनी थी कि इसका नाम सोचने में अच्छा खासा समय लग गया! और बाद में अफ्रीका की एक हिरण प्रजाति के ऊपर इसका नाम ‘इंपाला’ रखा गया! शुरुआती दाम इसका 2500$ के आसपास था और बाद में इस कार ने मार्केट पर अपना राज जमा लिया।
भारत की बात करें! तो इंपाला ने यहां भी कई लोगों को दीवाना बनाया खासकर सुपरस्टार राजेश खन्ना को इंपाला गाड़ी बेहद पसंद थी! 1971 में उनकी फिल्म ‘हाथी मेरे साथी’ में रेड इंपाला दिखाई गई थी और यह फिल्म बेहद सफल रही थी बस फिर क्या था कंपनी को भारत में अपने प्रचार के लिए बहुत ज्यादा एफर्ट नहीं लगाना पड़ा और बिना प्रचार के ही भारतीय सड़कों पर यह गाड़ी भारी संख्या में दौड़ने लगी।
Impala Car Ki Kahani
1965 में इस कार की डिजाइन में बदलाव करते हुए 2 की बजाय 4 दरवाजे लगाए गए! साथ ही v8 इंजन भी लगाया गया। इसकी लोकप्रियता का आलम कुछ यूं समझा जा सकता है! कि तब हर साल एक मिलियन इंपाला बेचने में शेवरले सफल रही थी! यहां तक कि शेवरले को कई प्रोडक्शन यूनिट तक बढ़ानी पड़ गई थी! तकरीबन 7500000 के आसपास v8 इंपाला बिकी थी।
बाद में इसके और भी कुछ मॉडल आये! किंतु 1985 आते-आते दूसरी नई – नई गाड़ियों के सामने इंपाला पिछड़ने लगी थी! अंततः वही हुआ जो होना था! कंपनी को इस कार का प्रोडक्शन बंद करना पड़ा! इसकी लोकप्रियता का आलम यह था कि 1994 में इसे फिर से लांच किया गया था।
हालांकि तब यह इतनी लोकप्रिय नहीं रही थी! लेकिन एवरेज तौर पर सफल रही थी! सच बात तो यह है! कि क्लासिक इंपाला में सफर करने वाले तब के समय खुद को खास समझने में जरा भी कोताही नहीं करते थे।