Gadi Accident Ke Bad Kya Karen | कार दुर्घटना होने के बाद किन बातोँ को ध्यान में रखे

Car Insurance Claim Kaise Kare | गाड़ी का क्लेम करने के लिए किन स्टेप को फॉलो करे
मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत भारत में मोटर वाहन का बीमा अनिवार्य है! मोटर बीमा मोटर वाहन से होने वाले तीसरे पक्ष के जोखिम का बीमा कवरेज है! और वाहन को हुए नुकसान के जोखिम को कवर करने के लिए भी है। भारतीय लोगों को न तो जीवन बीमा योजना और न ही चिकित्सा बीमा योजना के बारे में चिंता है लेकिन वह अपनी मोटर वाहन बीमा की अधिक चिंता करते हैं मोटर बीमा सभी के लिए अनिवार्य है आप स्कूटर या बाइक या कार या ट्रक कुछ भी चला रहे हैं यह सबके लिए अनिवार्य है Car Insurance Claim Kaise Kare यदि कोई व्यक्ति या अन्य किसी प्रकार की दुर्घटना होती है और आपकी गाड़ी का बीमा नही हो तो इसे अपराध की तरह माना जाएगा।
आजकल हर किसी के पास अपना वाहन है सड़कें वाहनों से भरी हुई हैं जोखिम भी बढ़ता जा रहा है इसलिए मोटर बीमा कंपनियां भी दिन-ब-दिन बढ़ रही हैं और दावे भी बढ़ गए हैं। लेकिन कई बार पॉलिसीधारकों को यह नहीं पता होता है कि वे अपनी कार बीमा दावा प्रक्रिया करने के लिए क्या करे ? एक सामान्य प्रक्रिया जिसके बारे मे सभी को पता होना चाहिए इससे वाहन धारक को दावे के समय बहुत मदद मिलेगी ! अपनी कार बीमा को दुर्घटना का दावा कैसे करें इस प्रक्रिया को चरणों में समझेंगे जिससे आपको समझने में आसानी होगी
Insurance Claim Kaise Kare – आपको हर्जाने का दावा करने के लिए निम्न चरणों का पालन करना चाहिए
बीमा सेवा केंद्र या बीमा अधिकारी को सूचित करें :-
सबसे पहले आपको बीमाकर्ता को जल्द से जल्द सूचित करना चाहिए और नजदीकी मरम्मत के लिए गैरेज में कार भेजने या ले जाने के लिए बीमा कंपनी के प्रतिनिधि को बोले अधिकांश बीमाकर्ता सख्त दिशानिर्देशों का पालन करते हैं और जो बीमा के दस्तावेज में उल्लेख किया गया हो ! आपको बीमा कंपनी को आवश्यक दस्तावेजों के साथ एक विधिवत भरा हुआ दावा फॉर्म जमा करना होगा।
प्राथमिकी दर्ज करें :-
यह स्थिति पर निर्भर करता है कुछ मामलों मे प्रथम (अफआईआर) की आवश्यकता होती है! इसलिए सुरक्षित पक्ष के लिए निकतम पुलिस स्टेशन मे प्राथमिकी दर्ज करें !हालाकिं यह दावा की स्थिति पर अनिवार्य हो सकता है इसके लिए आपको स्थिति के अनुसार सलाह दी जाती है
नुकसान का आकलन :-
आप मरम्मत के लिए अपनी कार को निकटतम नेटवर्क गैरेज में ले जाते हैं वहाँ बीमा अधिकारी द्वारा एक सर्वेक्षक नियुक्त किया जाता है जो आपके वाहन के नुकसान का आकलन एवं मूल्यांकन करेगा वह एक रिपोर्ट तैयार करेगा और उसे बीमा कंपनी को देगा। आप भी इसकी एक प्रति ले सकते है नोट: यदि क्षति गंभीर है तो सर्वेक्षणकर्ता सर्वेक्षण के लिए दुर्घटना स्थल पर पहुंच जाएगा !
दावा निपटान:-
बीमा कंपनी को जैसे ही सर्वेक्षण रिपोर्ट प्राप्त होती है! तब दावा अनुरोध का विश्लेषण करेंगे और गैरेज को एक अनुमोदन भेजेंगे! गैरेज को वाहन की मरम्मत के लिए अनुमानित लागत और समयसीमा प्रदान करनी होती है! और काम पूरा होने के बाद आपको गैरेज से विधिवत हस्ताक्षरित बिल और दस्तावेज लेने होंगे! उन्हें सर्वेक्षक के पास जमा करना होगा! यदि टाइप गेरेज है तो वह खुद दे देते है सर्वेयर इसे बीमा कंपनी को भेजेगा
जब सभी दस्तावेज पूरे हो जाते हैं तो बीमा कंपनी आपके बिलों की प्रतिपूर्ति करेगा! ध्यान रखें कि कुछ अनिवार्य कटौती योग्य और परिवर्तनीय कटौती भी होती है! जैसा कि पॉलिसी दस्तावेज़ में बताया गया है। यदि आपकी पालिसी कैश लेस नही है तो आपको क्लेम का पैसा गेरेज पर पहले देना होगा बाद मे जब आपका क्लेम सेटल हो जाता है तब बीमा कंपनी आपके खाते मे वापिस ट्रान्सफर कर देती है यदि आपका बीमा कैश लेस है तो आप अपने हिस्से का पैसा देकर अपनी ठीक हुई गाड़ी को ले जा सकते है आप फिर से ड्राइव कर सकते हैं।
थर्ड पार्टी क्लेम (तीसरे पक्ष के दावे) के लिए कार बीमा दावा प्रक्रिया Insurance Claim Kaise Kare :-
जब आप किसी दुर्घटना के ज़िम्मेदार हैं! जहाँ किसी तीसरे पक्ष को चोट लगती है या संपत्ति को नुकसान होता है तो आपको यहाँ क्या करना है
बीमा सेवा प्रदाता या बीमा सेवा अधिकारी को सूचित करें :-
सबसे पहले आपको अपने सेवा प्रदाता को जल्द से जल्द सूचित करना चाहिए! यह भी याद रखें कि तीसरे पक्ष को कोई भी प्रकार का आर्थिक वचन नही दें।
प्राथमिकी दर्ज करें :-
निकटतम पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज करें! और भविष्य के संदर्भ के लिए प्राथमिकी की एक प्रति भी रखें।
बीमा पॉलिसी दस्तावेज़ :-
आपको अनिवार्य रूप से अपनी कार बीमा पॉलिसी की एक प्रति तीसरे पक्ष को देनी चाहिए जिससे की वह उस पर दावा कर सकें।
मोटर ट्रिब्यूनल में दावा :-
मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अनुसार मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) में तीसरे पक्ष के दायित्व के दावे किए जाते हैं! यह दावा तीसरे पक्ष द्वारा अपने या आपके आवास के निकटतम ट्रिब्यूनल में किया जा सकता है।
सभी दस्तावेज प्राप्त करने के बाद बीमा सेवा प्रदाता दस्तावेजों का सत्यापन करेगा और दुर्घटना का आकलन करेगा! और यदि संतोषजनक पाया जाता है! तो आपको उनके द्वारा नियुक्त एक वकील मिलेगा।
यदि अदालत आपको उसके बाद तीसरे पक्ष को हर्जाने का भुगतान करने का निर्देश देती है! तो बीमा सेवा कंपनी सीधे तीसरे पक्ष को देय राशि का भुगतान करेगी।
हमारे द्वारा दी गयी यह एक सामान्य जानकारी है! जिससे आपको कभी दुर्घटना के समय मदद मिल सकेदावे की प्रक्रिया आपकी दुर्घटना एवं आपकी गाड़ी पर भी निर्भर करती है!